सांस तो ले रहे हैं न!

  सांस तो ले रहे हैं न!

सांस लेने की प्रक्रिया स्वस्थ जीवन चक्र के लिए बहुत जरूरी है भागती दौड़ती जिंदगी में सभी दुख को भूलते जा रहे हैं सोच कर देखिए आपने आखरी बार कब अच्छी तरह से सांस लेती आश्चर्य की बात तो यह है कि विशुद्ध चिकित्सकीय निगाह से देखे तो ज्यादातर लोग बिना सांस लिए ही अपना जीवन जी रहे हैं


शायद यह बात आपको थोड़ी अटपटी लग रही होगी, लेकिन यह सच है |  व्यस्त जीवन शैली के चलते हम सांस लेने में भी कंजूसी करने लगे हैं और खुद ही अपनी उम्र घटाते जा रहे हैं छोटी-छोटी सासे पूरे शरीर में प्राण वायु नहीं पहुंचाती, जो स्वास्थ्य को खराब करने का कारण बन जाती है | बार-बार जमाई आना भी इसी के कारण होता है कई बार ऐसा भी होता है|  कि आप लंबी सांस ले तो लेते हैं ,लेकिन छोड़ते समय फिर कंजूसी कर देते हैं | जरा आप  आपने सांस लेने के तरीके पर ध्यान दीजिए, आपको सब समझ में आ जाएगा | आजमाकर देखिए, जब कभी भी आप लंबी सांस लेंगे, तो रिलैक्स महसूस करेंगे क्योंकि वह लंबी सांस आपके अंदर से फेफड़े से लेकर ,दिल को और सभी अंगों तक प्रभावित करते हुए नाक  या मुंह के द्वारा बाहर निकलती है|  बस यही लंबी साथ थोड़ा- सा उस तरीके से आपको बीच-बीच में लेते रहनी है और प्रेशर के साथ छोड़नी है | फिर देखिए, आप में कितनी ऊर्जा समाहित हो जाती है | इससे आप बहुत तरोताजा महसूस तो करेंगे ही साथ ही बार -बार आने वाली जमाई से भी छुटकारा पा लेंगे|  स्वास्थ्य सही तरीके से लेने और छोड़ने की प्रक्रिया आपको निरोगी रहने में मदद कर सकती है |  कुछ दिन के प्रयास के बाद यह आपकी आदत बन जाएगी

योग सलाह-

फेफड़ों में हवा अंदर और बाहर जाने की प्रक्रिया ही श्वास कहलाती है|  यह प्रक्रिया हमारे फेफड़ों और हृदय को प्रभावित करती है | सांसे हमारे खून को साफ करने के साथ-साथ हृदय को स्वस्थ रखने का कार्य भी करती है|  आमतौर पर एक व्यक्ति 1 मिनट में 15 सांसे  लेता है ,जो जीने के लिए तो पर्याप्त है लेकिन स्वस्थ जीवन के लिए पर्याप्त नहीं है|  हमारी श्वास  लेने की प्रक्रिया | हमें रोगों से बचाए रखती है और हमारी कार्यक्षमता को भी बढ़ाती है | 

डॉक्टर की सलाह -

नकारात्मक प्रभाव :छोटी-छोटी सांसे लेने से फेफड़ों में ऑक्सीजन की पूर्ति पूरी तरह नहीं हो पाती  है | और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाता  है | फेफड़ों के छोटे-छोटे एल्बोलाई तक ऑक्सीजन पहुंचना जरूरी होता है|  जो कि छोटी सांसे लेने से नहीं पहुंचती ,फेफड़ों की जितनी क्षमता होती है ,वह उतने नहीं फुल पाते है |  फेफड़े ना फूलने की वजह से खून भी पूरी तरह शुद्ध नहीं हो पाता और जो बीमारी का कारण बन जाता है | अच्छी तरह सांस न लेने से थकावट होना, साइनस ,उबासी आना ,ओट  निले पड़ जाना, बलगम की शिकायत, जैसे अन्य परेशानियां हो सकती है| 

सकारात्मक प्रभाव 

सही स्वास्थ्य प्रक्रिया फेफड़ों और खून को शुद्ध करती है यदि हम साथ सही ढंग से लेते हैं तो शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है| 

अंत में – दोस्तों इस आर्टिकल में मैंने आपको  सांस लेने की सही प्रक्रिया को जाना, और इसके लाभ भी देखें   स्वस्थ जीवन चक्र के लिए बहुत जरूर हैं 

अब मुझे उम्मीद है की आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद कोई कन्फूज़न नहीं होगाफिर भी अगर आप मुझसे कोई सवाल करना चाहते हैंतो मुझे कमेंट में बताईये। आर्टिकल अच्छा लगा तो अपने मित्रो के साथ भी शेयर करिये।



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