प्रेरक प्रसंग: सब धन धूलि समान
प्रेरक प्रसंग :
सब धन धूलि समान
जयनगर के राजा कृष्ण देवराय ने जब राजगुरु व्यासराय के मुख से संत पुरंदरदास के सादगी भरे जीवन और लोभ से मुक्त होने की प्रशंशा सुनी तो उन्होंने संत की परीक्षा लेने की ठानी | | एक दिन राजा ने सेवको द्वारा संत को बुलवाया और उनको भिक्षा में चावल डाले | संत प्रसन्न हो बोले ,महाराज ! मुझे इसी तरह कृतार्थ किया करे
तो देखा कि उसमे छोटे - छोटे हीरे हैं | उन्होंने उसी क्षण पति से पूछा कहा से लाये है आज
भिक्षा ?पति ने जब कहा की राजमहल से तो पत्नी ने घर के पास घूरे में वे हिरे फेक दिए |
सप्ताह के अन्त में राजा व्यासराय से कहा ,महाराज ! आप कहते थे की पुरन्दरजैसा निर्लोभी दूसरा नहीं , मगर मुझे तो वे लोभी जान पड़े | यदि विश्वास न हो ,तो उनके घर चलिए और सच्चाई को अपनी आँखों से देख लीजिये | वे दोनों जब संत की कुटिया पर पहुंचे ,तो देखा की लिपे पुते आंगन में तुलसी के पौधे के पास सरस्वती देवी चावल बीन रही है|
कृष्ण देवराय ने कहा बहन ! चावल बीन रही हो | सरस्वती देवी ने कहा ,हा भाई ! क्या करू ,कोई गृहस्थ भिक्षा में ये कंकड़ डाल देता है ,इसलिए बीनना पड़ता है | ये कहते है ,भिक्षा देने वाले का मन न दुखे ,इसलिए ख़ुशी से भिक्षा ले लेता हु | वैसे इन कंकड़ों को चुनने में बड़ा समय लगता है | राजा ने कहा,बहन! तुम बड़ी भोली हो, ये कंकड़ नहीं ,ये तो मूल्यवान हिरे दिखाई दे रहे है |
इस पर सरस्वती देवी ने कहा ,आपके लिए ये हिरे होंगे ,
हमारे लिए तो कंकड़ ही है | हमने जब तक धन के आधार पर जीवन व्यतीत किया ,तब तक हमरी दृष्टि में ये हीरे थे | पर जब से भगवन विठोबा का आधार लिया है और धन का आधार छोड़ दिया है ,ये हीरे हमारे लिए कंकड़ ही है | और वह बीने हरे हीरो को बहार डाल आई | यह देख व्यासराय के मुख पर मृदु मुस्कान फ़ैल गई और सलज्ज कृष्ण देवराय माता सरस्वती के चरणों पर झुक गए |
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English translation:
Motivational Incident :
All wealth is like Dust
The next day when Purandaradas went to the palace to take alms, the emperor saw the aura of a Diamond on his face and again gave him green lentils along with rice in his bag. This sequence continued for a week.
At the end of the week the king said to Vyasaraya, Maharaj! You used to say that there is no one who is as greedy as Purandar, but I found him greedy
The king said, Sister! You are very naive, these are not pebbles, these are valuable diamonds are visible.
On this Saraswati Devi said, these will be diamonds for you,
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