Bachcho ko mobile phone से होने वाले खतरों से कैसे बचाये
मोबाइल के जाल में कैद बच्चों का भविष्य
आज हम एक ऐसे यंत्र के विषय में बात कर रहे हैं | जिसकी आवश्यकता आज रोटी, कपड़ा और मकान की तरह हो गई है | आप ठीक समझें, वह हैं मोबाइल | आप इस यंत्र का दुनिया के किसी भी कोने में सरलता से प्रयोग कर सकते हैं ,एक- दूसरे से बातचीत करने के लिए | अगर मोबाइल के लाभों पर दृष्टि डालें तो सकारात्मक रूप में विद्यार्थी वर्ग, उद्योगपति, ऑफिस कर्मचारी, शिक्षक वर्ग, विज्ञान से संबंधित और अन्य वर्ग अपने - अपने व्यवसाय हेतु इसके द्वारा अपने कार्यों और ज्ञान में वृद्धि करते हुए अपनी बात और लोगों से साझा करते हैं और आपातकालीन संदेश गांव हो या शहर हो सभी स्थानों तक भेज सकते हैं| पर कहते हैं ना की अति हर चीज की बुरी होती है
आज के वर्तमान समय में मोबाइल की अधिकता उसका संपर्क इतना अधिक बढ़ता जा रहा है कि प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों पर इसका नकारात्मक प्रभाव अधिक पड़ रहा है जिसे हम आधुनिकता के नाम पर नकार रहे हैं मोबाइल फोन के हानिकारक प्रभाव मोबाइल फोन का विकिरण (रेडिएशन) मानव स्वास्थ्य और वातावरण पर गहरा प्रभाव डाल रहा है कुछ लोगों का मानना है है कि मोबाइल फोन जी विद्युत चुंबकीय रेडिएशन का प्रयोग करता है, उसके कारण मानव सहित सभी प्राणियों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है|
31 मई 2011 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मोबाइल फोन का लंबे समय तक उपयोग करना शारीरिक अंगों के लिए घातक हो सकता है | लेनार्त हार्देल और उनके सहयोगियों का 2006 मेटा विश्लेषण, जो 11 छात्रों पर किया गया था | उसके अनुसार जो मोबाइल फोन का 10 वर्ष से अधिक प्रयोग करेगा उसके ब्रेन ट्यूमर का खतरा दोगुना हो जाता है अन्य प्रभाव की बात करें तो दो अनुसंधान के अनुसार मोबाइल फोन की उपस्थिति के कारण मनुष्य के रिश्तो में तनाव का स्तर बढ़ जाता है क्योंकि मौखिक वार्तालाप की कमी के कारण आपसी सौहार्द कम हो जाता है
तो आइए यह समझते हैं की बच्चों को कैसे मोबाइल फोन या स्मार्टफोन से होने वाले खतरों से बचाया जाए
- जब पहली बार बच्चे को स्मार्टफोन दे तब उसकी कार्यशैली स्वास्थ्य व विचारों पर ध्यान दें ताकि प्रारंभ से ही बच्चे उनके प्रयोग के प्रति सावधानी बरतें वह किताबों पर अधिक ध्यान दें |
- दिन की अपेक्षा रात्रि में बच्चों को फोन से दूर रखें या माता-पिता अपने पास ही रखें |
- बच्चों से झूठे वायदे ना करें कि अमुक कार्य करने पर मोबाइल मिलेगा ऐसे में मोबाइल न मिलने पर बच्चों में माता-पिता के प्रति नकारात्मक भावना का विकास होने लगता है |
- मोबाइल चलाने को लेकर बच्चों को मारने पीटने या चिल्लाने के बजाय माता-पिता बच्चों को अपना अच्छा समय दें भावनात्मक रूप से जुड़कर उनके विचार जानने समझने का प्रयास करें वह समस्या का समाधान करें ताकि दोनों में विश्वास बढ़े |
- बच्चों के फोन पर ध्यान रखें कि बच्चा शिक्षा की आड़ में गलत वेबसाइट का शिकार तो नहीं हो गया या इंटरनेट किस रूप में प्रयोग कर रहा है माता-पिता अपनी व्यस्तता के कारण ऐसे साधन बच्चों को उपलब्ध करवा देते हैं लेकिन भावनात्मक रूप से उनसे दूर ही रह जाते हैं
अंत में – तो दोस्तों इस आर्टिकल में मैंने आपको मोबाइल के जाल में कैद बच्चों का भविष्य अदि विषयो पर बेसिक जानकारी दे दी है, अब मुझे उम्मीद है की आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद कोई कन्फूज़न नहीं होगा, फिर भी अगर आप मुझसे कोई सवाल करना चाहते हैं, तो मुझे कमेंट में बताईये। आर्टिकल अच्छा लगा तो अपने मित्रो के साथ भी शेयर करिये।
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